खाद के लिए दर-दर के ठोकरें खा रहा है किसान,बारिश से भीगती रही ट्रक मे लदी खाँद जिम्मेदार बन रहें अनजान-लुट रहे किसान।

 


       अजय सिंह

            फतेहपुर

फतेहपुर-मौसम की मार वैसे तो अन्नदाता हरदम झेलता है वह चाहे खाद का संकट हो अथवा ओवररेटिग अथवा खाद् के लिए लाईन लगाकर मारामारी का झेलना सब कुछ किसान को ही है मरता क्या न करता वाली कहावत बिल्कुल चरितार्थ बैठती है जब किसान को अपनी फसल को उगानें बढाने और भरपूर पैदा करना होता है तो वह खाद का उपयोग करता है। फिर भी समय से न मिल पाये तो वह सोचता है कुछ भी कही भी किसी भी तरह से खाद् मिल जाये।इसका सीधा असर किसान को झेलना पडता है कि शोसल मीडिया मे खाद से लदा एक ट्रक  यूपी एकात्तर टी सत्तासी उनसठ रैंक स्थल पर मौसम की मार से किस तरह से पानी टपक रहा है और खाद बह कर सडक पर आ रही है।बीडयों ने पोल खोल कर रख दी है और जिम्मेदार मौन है।वही जब ट्रक चालक शिरोमन से इस पानी से भीगी और बहते ट्रक से खाद के बारे मे पूछा गया तो बोला कि अभी अभी गाडी से तिरपाल हटाया है।खाद रैक स्थल शाह जा रही है।सवाल यहा उठता है कि आखिर देर रात्रि से हो रही बारिश सूबह के लगभग नौ बजे तक हल्का बूदा बादी हो रही थी तो ट्रक चालक को आखिर कौन सी आवश्यकता पड गई जो तिरपाल खोलना पड गया।साधन सहकारी समितियों में सत्ताधारियों के संरक्षण के चलते बेलगाम हो गए कर्ताधर्ता,भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई के बजाय लीपापोती में लग जाते हैं अधिकारी,जिले में भ्रष्टाचार के अजब गजब के खेल हैं जीरो टॉलरेंस वाली सरकार में किसानों को खुले आम लूटा जा रहा है।योगी-राज में अजब-गजब कहानी है भ्रष्टाचारियों की सरकार भले ही आम जनता को योजनाओं का सही लाभ देने एवं भ्रष्टाचार रहित प्रशासन देने की बात कर रही हो लेकिन यहां तो हर दिन भ्रष्टाचारी नए गुल खिला रहे हैं।इनसे ना किसान बच रहा है ना व्यापारी और ना ही आम आदमी।किसानों को खाद मुहैया कराने के दावे लाख किए जा रहे हों लेकिन हकीकत में उर्वरक के लिए किसान मारा-मारा घूम रहा है। समितियों में कालाबाजारी का खेल चल रहा है।किसानों से निर्धारित दामों से अधिक की वसूली की जा रही है।

भ्रष्टाचारी पर कार्रवाई करने के बजाय उसके संरक्षणदाता अधिकारी ही बन रहे हैं।अब जब इस तरह से भ्रष्टाचारी बेलगाम रह गरीबों का खून चूसते रहेंगे तो फिर इन पर कार्रवाई करेगा कौन यह एक बडा और बिचारणीय प्रश्न है।फतेहपुर जिले में किसानों को सुलभता से खाद मिले इसके लिए 71 साधन सहकारी समितियों एवं 450 निजी दुकानों के माध्यम से डीएपी यूरिया सहित अन्य उर्वरक मुहैया कराने की व्यवस्था की गई है।जिले के किसानों के लिए रबी की फसल में जितनी डीएपी,यूरिया एवं अन्य उर्वरकों की आवश्यकता है उसके लक्ष्य के सापेक्ष पर्याप्त मात्रा में उर्वरक है ही नहीं।इसी का नतीजा है कि किसान खाद के लिए दर-दर की ठोकरें खाता घूम रहा है। साधन सहकारी समितियों में सत्ताधारियों ने कब्जा जमा कर रखा है और इसी के चलते वहां खुलेआम मनमाने तरीके से अधिक दामों में उर्वरकों की बिक्री की जा रही है।सत्ताधारियों का संरक्षण मिलने के चलते सचिव बेलगाम हो गए हैं।खुलकर गोल गफन कर रहे हैं।


बार-बार किसानों की मिल रही शिकायतों पर जिला कृषि अधिकारी बृजेश सिंह निरीक्षण तो करते है लेकिन किसानों के लिए समास्यायें जस की तस बनी हुई है।तभी तो किसान फटेहाल घूम रहा है एक जानकार हूत्र के मुताबिक राधानगर स्थित एक दलाल के माध्यम से जनपद के अधिकतर खाद व्यापारियों से महीनें भर की अवैध वसूली होती है जिसके चलते कोई कार्यवाही नही हो पाती है।

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