किसानों के उत्पादों के बाज़ार पर चर्चा, तेजस्वी किसान मार्ट की संगोष्ठी सम्पन्न



लखनऊ/मोहनलालगंज (समेसी, रसूलपुर):

किसानों की आय में वृद्धि और उनके उत्पादों को उचित मूल्य दिलाने के उद्देश्य से तेजस्वी किसान मार्ट के तत्वावधान में एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में किसानों, कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के प्रतिनिधियों और कृषि विशेषज्ञों ने भाग लिया। संगोष्ठी में किसानों के उत्पादों के विपणन की चुनौतियों और संभावनाओं पर गहन विचार-विमर्श किया गया।



संगोष्ठी की अध्यक्षता मनीष कुमार (निदेशक, मोहनलालगंज कृषक विकास उत्पादक कंपनी लिमिटेड) ने की तथा संचालन का दायित्व अजय कुमार मौर्या ने निभाया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में एस. के. सिंह (एरडे एग्रो प्राइवेट लिमिटेड), आयुष अग्निहोत्री (बाजार प्रबंधन विशेषज्ञ)  , हिमांशु चतुर्वेदी (प्रबंध निदेशक, तेजस्वी किसान मार्ट) और इंजीनियर प्रकाश पाण्डेय (संस्थापक, तेजस्वी किसान मार्ट – प्रमुख वक्ता) उपस्थित रहे।



बैठक के दौरान किसानों के पारंपरिक उत्पादों—विशेषकर सब्ज़ियों और अनाज—की बिक्री को लेकर विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। वक्ताओं ने कहा कि अब समय आ गया है कि किसान पारंपरिक तरीकों के साथ-साथ आधुनिक विपणन तंत्र को भी अपनाएँ। संगोष्ठी में यह भी जोर दिया गया कि कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) किसानों को संगठित करने और उन्हें सामूहिक रूप से बाज़ार से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।


आयुष अग्निहोत्री ने कहा कि किसान तभी लाभान्वित होंगे जब वे संगठित होकर एकजुट प्रयास करेंगे। हिमांशु चतुर्वेदी ने बताया कि किसानों को केवल उत्पादक ही नहीं बल्कि व्यापारी भी बनना होगा, तभी उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकेगी। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि तेजस्वी किसान मार्ट पिछले तीन वर्षों से किसानों के साथ कार्य कर रहा है और आज यह 22 राज्यों में सक्रिय है, साथ ही 5 स्टोर स्थापित किए जा चुके हैं। इंजीनियर प्रकाश पाण्डेय ने कहा कि संगठन का मूल उद्देश्य किसानों को बिचौलियों से मुक्त कर उनके उत्पाद सीधे उपभोक्ताओं तक पहुँचाना है।



संगोष्ठी में अजय मौर्या, निखिल मौर्या, सर्वजीत मौर्या, सूर्यपाल सहित दो दर्जन से अधिक प्रगतिशील किसान शामिल हुए। किसानों ने कहा कि पारंपरिक उत्पादों के साथ-साथ उन्हें ऐसे साधनों की आवश्यकता है, जिससे उनका माल आसानी से बड़े बाजार तक पहुँच सके।


बैठक के अंत में सभी प्रतिभागियों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि सामूहिक पहल, एफपीओ की सक्रिय भूमिका और आधुनिक विपणन प्रणाली से ही किसान आत्मनिर्भर बन सकते हैं। संगोष्ठी का समापन किसानों और संगठनों द्वारा इस संकल्प के साथ किया गया कि वे भविष्य में मिलकर किसानों की समृद्धि और उनके उत्पादों को उचित बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में निरंतर कार्य करेंगे।

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