गांव धर्मपुरा में श्रीमद्भागवत का श्रद्धालुओं ने किया रसपान राधे राधे के जयघोष से वातावरण बना भक्तिमय




रिज़वान सिद्दीकी



झालू। ग्राम धर्मपुरा में स्थित झारखंडी शिव मंदिर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा में कथा वाचक चंद्रमुखी ने कपिलोपाख्यान, शिव विवाह, ध्रुव कथा का रसपान किया। कथा में  बामन भगवान की सुन्दर झांकी भी दिखाई गई। श्रद्धालुओं ने भागवत कथा का रसपान कर राधे राधे के जयघोष लगाकर वातावरण को भक्तिमय कर दिया।

झारखंडी शिव मंदिर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा में बृन्दावन से पधारी कथा वाचक चन्द्रमुखी ने श्रद्धालुओं को कथा में बताया कि कपिल देव भगवान ने अपने माता को अनेकों प्रकार का ज्ञान दिया। उन्होंने बताया कि जब एक प्राणी दुनिया में आता है तो माता के गर्भ में अनेकों को प्रकार से कष्ट सहता है। और भगवान से कहता है हे प्रभु आप मुझे इस गर्भ से निकालो, मैं आपकी भक्ति करूंगा। मगर इस दुनिया में आने के बाद भगवान से किया वादा भूल जाता है। चंद्रमुखी व्यास जी ने कहा कि जो व्यक्ति यह सोचते हैं कि नर्क किसने देखा है। मारने के बाद स्वर्ग व नर्क तो एक जैसे। ऐसा मानने वालो को भागवत कथा सुननी चाहिए। भागवत में कहा गया है जैसे कर्म करोगे वैसा फल प्राप्त होगा। इसी पृथ्वी पर मनुष्य को उसके कर्मो के अनुसार स्वर्ग व नर्क को भोगना पड़ता है। शुक्रदेव ने राजा परीक्षित को बताया की दक्षिण दिशा में पृथ्वी के नीचे के भाग के अंतराल में नर्क है और वही यमराज राज करते हैं। महाभारत में पांच, कल्याण में 36, भागवत में अनेकों प्रकार के नर्क बताए गए हैं। वहीं मार्कण्डेय पुराण में नर्कों के बारे में विस्तार से बताया गया है।

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