राजगढ़ दया हॉस्पिटल में झोलाछाप चिकित्सक की लापरवाही से नवजात शिशु की हुई मौत



तेजस्वी न्यूज कमलेश पाण्डेय 

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मिर्जापुर के सीएमओ जबाब देने में रहे असफल



सोनभद्र/मिर्जापुर: राजगढ़ बाजार में अवैध झोलाछाप चिकित्सक की लापरवाही से नवजात शिशु की मौत हो गई। दया चाइल्ड केयर हॉस्पिटल बिना मानक के धड़ल्ले से नवजात शिशुओं के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहा है। दो महीने में दूसरे नवजात की मौत का मामला प्रकाश में आया है राजगढ़ निवासी रविंद्र कुमार अपने नवजात शिशु के इलाज के लिए दया चाइल्ड केयर अस्पताल में भर्ती किया था। हालत गंभीर होने के बावजूद भी डॉक्टर जबरदस्ती दवा इलाज के नाम पर रोक रखा। बच्चे की हालत बिगड़ने पर परिजन लेकर दूसरे जगह इलाज कराने जा रहे थे कि रास्ते में मौत हो गई। वापस आकर परिजनों ने दया चाइल्ड केयर हॉस्पिटल पर डॉक्टर के खिलाफ हंगामा करने लगे तो दया चाइल्ड केयर का संचालक मौके से फरार हो गया। सूत्रों की माने तो परिजनों को दया चाइल्ड केयर हॉस्पिटल का संचालक पैसा देकर मामले को रफा-दफा कर दिया। बीते 16 सितंबर को अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं नोडल अधिकारी डॉ वीरेंद्र कुमार चौधरी एवं परियोजना निदेशक की टीम ने दौरा कर क्षेत्र में संचालित हो रहे निजी चिकित्सालयों की गहनता से जांच की थी ।उस समय निरीक्षण में दया चाइल्ड केयर हॉस्पिटल बंद पाया गया।  जांच में अधिकारियों ने अनौपचारिक बातचीत में बताया था कि बंद कर फरार हुए अस्पताल संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा लेकिन अभी तक इन अवैध एवं फरार हुए अस्पताल संचालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। निरीक्षण करने वाले अधिकारियों के जाते ही फिर इनके हॉस्पिटलों के शटर खोलकर अपने अवैध कामों के अंजाम देने में लग गए। ऐसे में यह स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मेहरबानी से अवैध हॉस्पिटल संचालित हो रहा है। बच्चों के इलाज, दवा के नाम पर  यह डॉक्टर कई नवजात शिशुओं की जान ले चुका है फिर भी इसके ऊपर कोई आंच नहीं आई। जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग की अधिकारियों की मिली भगत से यह धंधा राजगढ़ क्षेत्र में धड़ले से संचालित हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग ऐसे डॉक्टर पर मेहरबान है। इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजगढ़ के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर पवन  कुमार कश्यप ने बताया  कि बीते 6 महीने पहले दया चाइल्ड केयर हॉस्पिटल का निरीक्षण किया गया था जिसकी रिपोर्ट जिले के उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है। और जांच का जिम्मा अब जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के ऊपर है।

इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी एवं नोडल अधिकारी डॉ वीरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि बीते दिनों क्षेत्र में किए गए निरीक्षण में अभी जांच चल रही है ।नवजात शिशु के मृत्यु के सवाल पर बताया कि अभी संज्ञान में नहीं है जानकारी मिली है।  जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों की मेहरबानी से राजगढ़ क्षेत्र की जनता ऐसे अवैध अस्पताल संचालकों से त्रस्त आ चुकी है। इस सम्बंध में जब मिर्जापुर सीएमओ से जानकारी लिया गया तो कोई ठोस जानकारी नही दिए और फोन कट कर दिए जिससे कि उनका पक्ष नही रखा गया।

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