तेरा वैभव अमर रहे मां, हम दिन चार रहें न रहें।






रिजवान सिद्दीकी 

बिजनौर|

पत्रकार वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष का संछिप्त जीवन परिचय।

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जनपद में जन्मे ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह जिनके पिता श्री राम लौट सिंह व माता श्रीमती कर्मराजी सिंह के तीन पुत्रों में सबसे बड़े पुत्र हैं। बचपन की प्रारंभिक शिक्षा गृह जनपद सुल्तानपुर में तथा कक्षा 3 में पिता के देहावसान के बाद ननिहाल जौनपुर में हुई।जूनियर की कक्षाओं का शिक्षण अपने गृह जनपद में ही हुई । हाईस्कूल व इंटर कॉलेज की शिक्षा माध्यमिक शिक्षा परिषद (इलाहाबाद) प्रयागराज उत्तर प्रदेश तथा अंग्रेजी व राजनीति से स्नातक और हिंदी से परास्नातक अवध यूनिवर्सिटी अयोध्या (तत्कालीन फैजाबाद) से हुई।

पिता के देहावसान के पश्चात माताजी के द्वारा ही पालन पोषण हुआ। माताजी धार्मिक प्रवृत्ति की गृहणी थी जिनके मार्गदर्शन में तीनों भाइयों ने अपने संघर्षमय जीवन को सहजता और सुगमता से उत्तरोत्तर आदर्श जीवन की तरफ अग्रसारित किया।

बचपन से ही स्वच्छ समाज की परिकल्पना और धर्म की रक्षा मन में प्रचंड भाव लेकर सीखने और राष्ट्र के उच्च  आदर्शों के संवैधानिक संरक्षण हेतु कार्य करने की प्रबल इच्छा बलवती होती रही। अपने आदर्श प्रेरणाश्रोत गुरुदेव डॉ. रमाशंकर पाण्डेय जी के संपर्क में आने के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़कर बाल्यकाल से ही स्वयंसेवक बन गए। संघ के अन्यान्य दायित्वों पर रहते हुए देश व समाज के जनजागरण में सहयोगी बने। विवाहोपरांत सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय में शिक्षक के रूप में कार्य करते हुए क्षेत्र में शिक्षा की अलख जगाना शुरू किया । लगातार परिश्रम और देश समाज के प्रति समर्पण की निष्ठा के साथ जीवन में श्रेष्ठ मार्ग का अनुसरण करते हुए  शिक्षा क्षेत्र में मन लगा तो क्रमशः 5 जूनियर स्तरीय विद्यालयों की स्थापना करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किया। सैकड़ों शैक्षिक संस्थाओं के मंच से लेकर धार्मिक अनुष्ठानों और मंचों पर लगातार दशकों तक अपने वक्तव्यों को रखते हुए और अपने विचार प्रवाह से धर्म और भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए जनजागरण के कार्य में सहयोगी बने। सादा जीवन उच्च विचार की युति को सार्थक करते हुए समाज में स्थापित एक उच्च आदर्श पर स्वयं जीवन भर चलने का यत्न प्रयत्न किया।

शुद्ध सात्विक प्रेम अपने कार्य का आधार है।

जनसेवा के इस कार्य में मन पूर्णतया सक्रियता के साथ कार्य करता रहा। समाज की सेवा में सदैव अग्रणी भूमिका में रहते हुए लोगों का अति स्नेह भी प्राप्त किया। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से अनवरत जुड़े रहे।अपने सहयोगियों , परम स्नेहियों तथा अपने दोनो अनुज भाइयों योगेन्द्र प्रताप सिंह और राजेन्द्र प्रताप सिंह की प्रेरणा से पत्रकारिता जगत में उतरे , अनेक साप्ताहिक व दैनिक समाचार पत्रों ,मासिक पत्रिकाओं से जुड़कर कार्य करते रहे। पत्रकारों पर हो रहे उत्पीड़न और दुर्व्यहार को लेकर मन में असंतोष रहने लगा उसी समय पत्रकार हितों के लिए तत्कालीन संगठन पत्रकार एकता संघ में तहसील महामंत्री से शुरू हुआ सफर वरिष्ठ मंडल उपाध्यक्ष अयोध्या तक संगठन के दायित्वों का निर्वहन करते हुए पत्रकार समाज की सेवा को पूर्ण सच्ची निष्ठा के साथ निर्वहन किया। तत्पश्चात पत्रकार हित संरक्षण के लिए चल रहे अन्यान्य संगठनों में भी प्रदेश अध्यक्ष या प्रदेश स्तरीय दायित्वों का निर्वहन भी किया। मन में प्रचंड इच्छाशक्ति के साथ पत्रकारों का हित सर्वोपरि का भाव पूर्णतया ठहर सा गया था लगातार उन पर हो रहे उत्पीड़न और दुर्व्यहार के मामलों से मनक्षुब्ध रहता था। तत्कालीन संगठनों में दृढ़ इच्छाशक्ति की कमी के चलते पत्रकार वेलफेयर एसोसिएशन की स्थापना किया और अब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष के दायित्व को लगातार निर्वहन करते हुए पत्रकार हितों के लिए निरंतर संघर्ष के सहभागी हो रहे हैं।

पावन धाम अयोध्या और  काशी के आदर्श मार्गदर्शक संतो और कथावाचकों के संपर्क में भी लगातार बने रहे। मां गायत्री की साधना और गायत्री परिवार से भी जुड़कर जनजागृति का कार्य करते रहे। परिवार के भरण पोषण और जीवन यापन के लिए व्यवसायिक कार्य भी चलता रहा।

साल 2023 में अपने अग्रज रूपी राजस्थान के जयपुर निवासी श्री ललित अग्रवाल के मार्गदर्शन में संत सुरक्षा मिशन के मीडिया प्रकोष्ठ (पुरुष मुख्य) वरिष्ठ उपाध्यक्ष भारत नियुक्त हुए। अनवरत भारत और भारतीयता के लिए कार्य करने को दृढ़ संकल्पित हैं।

हमको अपने भारत की माटी से अनुपम प्यार है।

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