जनपद कौशांबी के चायल विधानसभा मे एक दबंग हरजन पर लगा एक व्यक्ति की जमीन कब्जा करने का आरोप,



 जनपद के एक गांव के निवासी मृतक फौजी के आश्रित बच्चों की जमीन पर चायल के कुछ सत्ताधारी लोगों के सपोर्ट से दलित व्यक्ति का है कब्जा,स्टे होने के बाद भी नहीं हो रही सुनवाई, सत्ताधारी के दबाव के रासूक के आगे अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान



चायल तहसील के एक गांव की जमीन पर सत्ताधारी के लोगों ने कब्जा कर रखा है, यही वजह है कि वह कहीं भी शिकायत करता है तो सत्ता के नाम से कोई प्रशासन कारवाई करने के लिए तैयार नहीं होता है। पीड़ित की जमीन पर जबरन किया कब्जा सत्ताधारी के कुछ लोगों ने अपने सहयोगी जिसके नाम बेनामी संपत्ति लिखवाते है और उसके बाद उससे दूसरों के नाम जमीन ट्रांसफर करवाते है या तो परमिशन लेकर अपने नाम करवाते है।



 4 बीघा जमीन रजिस्ट्री करवाया है वह सरकारी जमीन चारागाह मे आती है जिसको उस जमीन के बदले में सत्ताधारी लोगों ने एस सी दबंग भूमाफिया को 20 लाख रुपया दिया है और दो बीघा जमीन दबंग दलित के नाम रजिस्ट्री करवा दिया है। साथ ही उसी 2 विघा में कच्ची सड़क निकलवा दिया जो कि आला अधिकारियों के नक्शे में सड़क जायज है परन्तु इसी आरजी संख्या के बगल में मौके पर सरकारी नाली उपस्थित हैं परंतु आला अधिकारी कहते हैं हमारे नक्शे में नहीं है। जांच का विषय यह भी है जो कि  सरकारी नाली मौके पे उपस्थित हैं। पीड़ित द्वारा बताया गया कि राजस्व विभाग के लेखपाल एवं अन्य अधिकारियों के मिलीभगत से नक्शे को फेरबदल कर नाली उस पार से इस पार की भूमि को एकजुट कर मेरी पैतृक भूमि को कर दिया फेर बदल

 वही बगल के आरजी में जिसे चायल के सत्ताधारी के करीबी ने जबरन जमीन में कब्जा कर रखा है उस जमीन में सैनिक की करीब 18 20 साल से ट्यूबवेल बिजली के कनेक्शन पेड़ आदि लगे हैं लेकिन सत्ता के लोगों की दबंगई से भूमाफिया ने कब्जा कर रखा है। पीड़ित ने कहा कि यदि यह मेरी भूमि ना होती तो आज से 18 20 साल पहले समरसेबिल लगाने के लिए आए अधिकारी जो सर्वे करने आए होंगे यदि यह मेरी भूमि ना होती तो वह इस जमीन पर निजी समरसेबल लगाने के लिए पास क्यों करते। पीड़ित ने यह भी बताया कि मेरे कुछ हरे पेड़ों को काट भी दिया है साथ ही मकान निर्माण भी कर दिया जिसकी शिकायत आश्रित पीड़ित कई माननीय अधिकारियों सहित मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल तक कि परन्तु आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई कुछ दिन पश्चात पोर्टलो पर यह रिपोर्ट लगी दिखती है कि जांच कर आख्या प्रेषित की गई कोई भी ऐसा कार्य नहीं हो रहा है पीड़ित बड़ा चढ़ाकर प्रार्थना पत्र दे रहे ऐसा होने का कारण दबंग भूमाफिया दलित सत्ता के लोगों का सपोर्ट जो कि जांच हेतु प्रशासन पहुंचने पर उनको धमकी दे देता है कि फला जी की जमीन है वो जाने जिसके डर से प्रशासन भी कोई कार्रवाई नहीं करते और ऐसी रिपोर्ट लगा कर आख्या प्रेषित कर देते हैं।दलित होने के कारण मृतक फौजी के आश्रित बच्चों को हमेशा जान से मारने एवं फर्जी हरिजन एक्ट मुकदमे में फसा देने की धमकी देता रहता है। पीड़ित व्यक्ति एसपी, थाना ,डीएम, कमिश्नरी हर जगह शिकायत किया लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हुई है। पीड़ित ने दीवानी में मुकदमा किया है जिसमें स्थगन आदेश भी है एवं कमिश्नरी में भी मुकदमा है लेकिन आज तक उसकी सुनवाई नहीं हुई है बल्कि नक्शे को फेर बदल कर अधिकारी कहते हैं कि तुम दूसरे अर्जी संख्या का स्टे लेकर आए हो वर्तमान समय में यह दूसरे नंबर का जमीन है इसलिए यह स्टे मान्य नहीं है पीड़ित अधिकारियों के यहां दर-बदर चक्कर काटता फिर रहा है लेकिन दबंग लोगों के दबंगई से कोई भी अधिकारी मृतक फौजी के आश्रित बच्चों को न्याय देने में नाकाम साबित हो रहे हैं। 


ऐसे ही तमाम मुद्दे हैं यदि उसकी जांच की जाए तो बढ़ा खुलासा हो सकता है लेकिन पत्रकार या कोई आम व्यक्ति ही दबंग सत्ताधारी के लोगों के गलत कारनामो का खुलासा करता है तो ये सिर्फ यही करते हैं हो सकता है मैं भी अपने हक़ के लिए आवाज बुलंद किया हूं तो मेरे साथ भी यही कर सकते हैं देखना‌ सुन्ना आपकों है कि मेरे द्वारा कही गई बात सत्य है या नहीं और वह बात एक ही मुद्दा रहता है उस आदमी को विरोधी पार्टी का आदमी बताना या तमाम उल्टा सीधा आरोप लगाकर झूठे मुकदमे में फंसाना और अपने पालतू कुत्तों से उल्टा सीधा बयान दिला कर जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को गुमराह करने का काम करना है ।

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