सहारनपुर- राधा स्वामी सत्संग भवन में प्लॉटिंग प्रकरण उपाध्यक्ष और सहायक नोडल प्राधिकरण की जनसुनवाई पोर्टल में जवाबी कार्यवाही में अंतर।




फिलहाल मामला अगली चुनाव तक ठंडे बस्ते में?


सहरानपुर।  दिल्ली रोड स्थित राधा स्वामी सत्संग भवन में प्लॉटिंग कर अवैध रूप से कॉलोनी विकसित किये जाने के प्रकरण में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर सहारनपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं सहायक नोडल जनसुनवाई पोर्टल द्वारा दिये गए जवाब में अंतर दिखाई दिया है।


    अवैध रूप से हो रही प्लॉटिंग एवं विकसित की जा रही अवैध कॉलोनी के सम्बंध में एसडीए के राजस्व को लगाए जा रहे चूने की शिकायत आई जी आर एस पोर्टल पर किये जाने और उक्त अवैध प्लॉटिंग और उनकी बिक्री का नक्शा भी समाचार के माध्यम से सार्वजनिक कर दिए जाने से हरकत में आये सहारनपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने अपने दिनाक 22 जुलाई 2021 पत्रांक संख्या 1744/ज़ोन-11 /स0 वि0 प्रा0/2021-22 में  तीन नाम रमन गांधी, कुलदीप धमीजा, एवं शिवकुमार गुम्बर के सार्वजनिक करते हुए सहारनपुर में महानगर योजना-2021 के प्रभावी होने के कारण उल्लेखित किया था कि उसमें प्रावधानों/भू-उपयोग के तलपट/मानचित्र स्वीकृत किये जाने में भी एसडीए दावा सम्भव नही हो पाने का साफ-साफ ज़िक्र करते हुए उक्त स्थल पर प्लाट के कार्य-विक्रय में उपरोक्त लोगो  द्वारा ग़ुमराह करके की जा रही प्लॉटिंग को अवैध बताते हुए इन पर निर्मित होने वाले भूखण्डों को बिना किसी पूर्व सूचना के ध्वस्त करने की चेतावनी भी दी थी। और अब सहायक नोडल आई जी आर एस सहारनपुर विकास प्राधिकरण  जनसुनवाई पोर्टल पर अपने पत्रांक 1052 दिनाक 24 जुलाई 2021 में क्षेत्रीय अभियंता को उक्त स्थल पर कोई डिमार्केशन भी नही मिलने का उल्लेख करते हुए जनसुनवाई पोर्टल पर भ्रामक रिपोर्ट भेजी है और अवैध कालोनी विकसित करने वालो को अभय दान देने का प्रयास किया है। ज़मीनी हकीकत और शासन/सरकार को भेजी जाने वाली रिपोर्ट में भी अंतर है और विभागीय समन्वय का भी अभाव देखने को मिला है। अवैध कॉलोनी विकसित कराने वाले एस डी ए के भ्रष्ट तंत्र पर प्रदेश के मुखिया का चाबुक कब चलेगा ये देखना भी रोचक रहेगा, जबकि बिक्री हुए प्लाट अथवा विक्री अनुबन्ध पत्रों संज्ञान लेना भी उचित नही समझ जबकि विभाग को सीधा चूना लगाने जैसा गंभीर मामला होने के बावाजूद भी। सूत्रों की माने तो खबर चलने के बाद एसडीए द्वारा राजस्व चोरी की गंभीरता को समझते हुए लिए गए संज्ञान के बाद जहां अवैध रूप से कॉलोनी विकसित करने वाले उपरोक्त तीनों पर खरीददारों के पड़े धन वापसी दबाव के बाद जहां एक बैठक करके फिलहाल उन्हें चुनाव तक शांत रहने  के लिए मना लिया गया है लेकिन खरीदार भी उक्त मामले में कब तक खामोश रहेंगे यह देखना भी रोचक रहेगा उल्लेखनीय है कि उक्त पूरे मामले में करोड़ों रुपए के लेनदेन की जानकारी भी मिली है।

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