महिला उत्पीड़न के विरुद्ध समाज में चरित्र निर्माण की आवश्यकता-प्रो. आनंद कुमार




 दिनांक 8.12.2023 को 'अंतर्राष्ट्रीय महिला उत्पीड़न निवारण पखवाड़े' के अंतर्गत् महाराज बलवंत सिंह स्नातकोत्तर महाविद्यालय गंगापुर-वाराणसी के समाजशास्त्र विभाग द्वारा 'समाज में महिला उत्पीड़न के निराकरण में गांधीवादी विचारों की सार्वभौमिक उपादेयता' विषय पर विशिष्ट व्याख्यान आयोजित किया गया। जिसका प्रारंभ मां सरस्वती व स्मृतिशेष महाराज डॉ. विभूति नारायण सिंह के प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर हुआ। कार्यक्रम के प्रारंभ में महाविद्यालय के प्रबंध समिति के सचिव प्रो. धर्मेंद्र कुमार मिश्र (काशी हिंदू विश्वविद्यालय) के द्वारा स्वागत भाषण तथा प्रो. आलोक कुमार कश्यप (विभाग अध्यक्ष समाजशास्त्र विभाग)के द्वारा अतिथि परिचय कराया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता प्रो. आनंद कुमार (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय- नई दिल्ली) ने अपने उद्बोधन में बताया कि "महिला उत्पीड़न समाज में प्रचलित अन्य समस्याओं का ही एक स्वरूप है, समाज में जाति धर्म, प्रजाति, क्षेत्र आदि के आधार पर जो उत्पीड़न दिखाई पड़ता है इस श्रृंखला में महिला उत्पीड़न का विशिष्ट स्थान है जबकि दुनिया का कोई भी धर्म किसी भी प्रकार के हिंसा और उत्पीड़न की शिक्षा नहीं देता, फिर भी समाज में ग्राम स्तर, क्षेत्र स्तर, राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर किसी न किसी रूप में हिंसात्मक व्यवहार किया जाता है। पिछली शताब्दी में यदि किसी ने हिंसा के विरुद्ध सबसे सशक्त आवाज उठाई तो वह थे महात्मा गांधी। जिन्होंने स्वयं अपने व्यवहार में महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना को अपनाया तथा कहा कि चरित्र निर्माण तथा व्यवहार में बदलाव के द्वारा ही महिला उत्पीड़न संबंधी व्यवहार में परिवर्तन लाया जा सकता है। जो की शिक्षा व सामाजिक नैतिकता से ही संभव है। पिछले दशकों में हुए स्त्री आंदोलन, कानूनी सुधार तथा महिला उत्पीड़न के संबंध में सामाजिक जागरूकता के कारण महिला उत्पीड़न संबंधी घटनाओं में काफी परिवर्तन आया है तथा इसको आगे जारी रखने के लिए महिला विमर्श को शीर्ष पर रखना चाहिए।" कार्यक्रम का समापन महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. पुरुषोत्तम सिंह के उद्बोधन से हुआ तथा कार्यक्रम का संचालन श्री दुर्गेश कुमार पांडे ने किया। कार्यक्रम में प्रो. शैलेंद्र कुमार सिंह, प्रो. मंजू मिश्रा, डॉ जितेंद्र तिवारी,डॉ अर्चना सिंह, डॉ आशा सिंह, डॉ अंजना सिंह, डॉ. सत्य प्रकाश सिंह,डॉ. अनुराधा सिंह, डॉ अखिलानंद सिंह, डॉ रविंद्र कुमार श्रीवास्तव, डॉ.भूपेंद्र कुमार यादव, श्री मनोज कुमार वर्मा,डॉ कृष्ण पाल, श्री उमेश कुमार, श्री महेंद्र कुमार, डॉ. मोहम्मद अरशद,श्री दिनेश कुमार विश्वकर्मा आदि प्राध्यापक तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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