बगैर लाइसेंस पत्थर भंडारण करने वाले क्रेशर प्लांटो पर होगी कार्रवाई,4 को नोटिस जारी

ब्यूरो-खबर-कमलेश पांडेय

 


सोनभद्र। 

बगैर लाइसेंस पत्थर भंडारण करने वाले क्रशर प्लांटों पर कार्रवाई का सिलसिला शुरू कर दिया गया है। ज्येष्ठ खान अधिकारी राकेश बहादुर सिंह की अगुवाई वाली टीम की जांच में चार क्रशर प्लांटों पर बगैर लाइसेंस के भंडारण पाया गया है। इसको देखते हुए संबंधित प्लांट संचालकों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया है। संतोषजनक जवाब प्रस्तुत न किए जाने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

 *लगभग साढ़े तीन सौ क्रशर प्लांट संचालित* 

बताते चलें कि ओबरा-डाला खनन क्षेत्र और सुकृत क्षेत्र में लगभग साढ़े तीन सौ क्रशर प्लांट संचालित हैं। इन प्लांटों पर खदानों से निकलने वाले पत्थर के भंडारण और गिट्टी क्रसिंग के लिए भंडारण लाइसेंस लिया जाना जरूरी है। कई ने लाइसेंस ले लिया है। वहीं, अभी भी कई क्रशर प्लांट ऐसे हैं जो बगैर लाइसेंस के ही पत्थर भंडारण और क्रसिंग करने में लगे हुए हैं।

ज्येष्ठ खान अधिकारी राकेश बहादुर सिंह ने बताया कि क्रशर प्लांटों की जांच की गई थी। इस दौरान बिल्ली-मारकुंडी क्षेत्र में चार क्रशर प्लांटों का बगैर भंडारण लाइसेंस के ही संचालन किया जाना पाया गया। इसको देखते हुए, सभी चारों प्लांटों को नोटिस जारी कर बगैर लाइसेंस भंडारण को लेकर जवाब मांगा गया है। निर्धारित समय में जवाब न दिए जाने पर प्लांट सीज करने और अन्य आवश्यक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।क्रशर बेल्ट में प्रदूषण बड़ा मुद्दा क्रशर बेल्ट में गिट्टी क्रसिंग के चलते उड़ने वाली पत्थर की धूल और इससे 24 घंटे छाए रहने वाला कोहरे जैसा धुंध तथा सांस के जरिए लोगों के शरीर में पैबस्त होता प्रदूषण का जहर अभी भी बड़ा मुद्दा बना हुआ है। एनजीटी में कई बार इसको लेकर पहल की रिपोर्ट भी दाखिल की जा चुकी है लेकिन हालात जस का तस बने हुए हैं। वहीं, पूर्व में बगैर परमिट रेलवे रैक गिट्टी परिवहन मामले में प्राथमिक जांच में ही तीन करोड़ के राजस्व के नुकसान का मामला सामने आने के बाद भी अभी तक विभागीय स्तर पर नोटिस का खेल चर्चा में बना हुआ है। ऐसे में क्रशर प्लांटों को जारी की जाने वाली नोटिस, मामला मैनेज तक ही सीमित रह जाएगी या फिर कार्रवाई आगे बढ़ेगी, इसको लेकर भी चर्चा बनी हुई है।

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