जितने स्वस्थ होंगे बच्चे, उतना ही उज्जवल होगा देश का भविष्य : जिलाधिकारी उमेश मिश्रा




रिज़वान सिद्दीकी



बिजनौर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं सीडीपीओ, चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में जो बच्चे कुपोषित चिन्हित किए गए हैं, उनके स्वास्थ्य उपचार के लिए जिला अस्पताल स्थित एनआरसी में भर्ती कराना सुनिश्चित करें तथा किशोरियों एवं गर्भवती महिलाओं की हीमोग्लोबिन की जांच कराएं यदि जांच में खून की कमी पाया जाना प्रकाश में आता है तो उनको आयरन की गोलियों के साथ-साथ स्वास्थ्यवर्धक पोषण की सलाह भी उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं, वे जितने स्वस्थ होंगे, उतना ही देश का भविष्य स्वस्थ एवं उज्जवल होगा। उन्होंने स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्धता के सापेक्ष फोलिक एसिड, कैल्शियम, एल्बेंडाजोल आदि दवाइयों का वितरण न किए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वास्थ्य केन्द्रों में दवाई एवं स्वास्थ्यवर्धक सप्लिमेंट का शत प्रतिशत रूप से वितरण सुनिश्चित कराएं और इस कार्य की नियमित समीक्षा भी करें।



जिलाधिकारी श्री मिश्रा कलक्ट्रेट स्थित महात्मा विदुर सभागार में गुरुवार को जिला पोषण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे।

उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निदेर्शित करते हुए कहा कि पोषण प्रबंधन एवं कुपोषण से बचाव के लिए शासन द्वारा संचालित पोषण योजना स्वस्थ परिवार का प्रमुख आधार है अतः पोषण योजना के शत प्रतिशत अनुपालन के लिए सभी विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी दृढ़ संकल्पित होकर अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार के मंशा के अनुरूप बच्चों, गर्भवती, धात्री, किशोरियों, महिलाओं को पोषण स्तर में सुधार लाने के साथ ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करायी जाएं और उनकी निरंतर निगरानी रखी जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां को मांओं को बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सजगता एवं जागरूक करें। उन्होंने कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों के चिन्हांकन कर उन्हें पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराकर ग्रीन श्रेणी में लाए जाने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।



जिलाधिकारी श्री मिश्रा द्वारा बैठक के दौरान पोषण से सम्बंधित सभी बिन्दुओं में बिंदुवार समीक्षा करते हुए पोषण ट्रैकर ब्लॉक वाइज रिपोर्ट माहवार के अनुसार बच्चों के वजन लेने की समीक्षा में खराब स्थिति पाए जाने पर तत्काल स्थिति में सुधार लाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि आंगनबाड़ी/एएनएम के माध्यम से टीकाकरण, वजन, ग्रोथ चार्ट, गर्भवती/धात्री महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण व भर्ती कराने का कार्य पूर्ण गंभीरता के साथ करना सुनिश्तिच करें। उन्होंने कहा कि पुष्टाहार का उठान व उसका वितरण समय से हो, टेक होम राशन वितरण डाटा, जिनका कम प्रतिशत देखने में आने पर संबंधित सीडीपीओ को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए।



उन्होंने सभी खण्ड विकास अधिकारी को निर्देश दिये कि बाल विकास विभाग में बच्चों व महिलाओं से संबंधित सभी उपकरण उपलब्धता एवं स्थिति क्रियाशीलता की समय-समय पर जांच करते रहें। उन्होंने चिन्हित सेम बच्चों, पोषण ट्रैकर एवं सेम प्रबंधन बिन्दु की गहनता से समीक्षा की और कहा कि चिन्हित सेम बच्चों के सापेक्ष संचालित वीएचएनडी सेशन में न आना एक बड़ी लापरवाही है। उन्होंने सभी एमओआईसी, सीडीपीओ, बीडीओ को निर्देश दिये कि अभियान चलाकर सभी को प्रेरित करते हुए आंगनबाड़ी को साथ लेकर बच्चे महिलाओं, ग्राम प्रधानों को बुलाकर सेशन को ठीक से संचालित कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने आशाओं भुगतान पर स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिये कि उनका भुगतान समय से हो।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी पूर्ण बोरा, जिला कार्यक्रम अधिकारी नागेन्द्र मिश्रा, डीसी एनआएलएम ज्ञान सिंह, सभी बीडीओ व सीडीपीओ सहित एमओआईसी तथा अन्य संबंधित विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

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