डीएम ने नगर निकायों में 15 दिन के अंदर नालों की सफाई के दिए निर्देश




बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा


 जिले के लोगों की जान व माल सुरक्षित रखने के लिए शासन - प्रशासन कटिबद्व


 प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिए  समुचित तैयारियां व्यवस्थायें सुनिश्चित कर लें अधिकारी


रिज़वान सिद्दीकी



बिजनौर जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने कहा कि बिजनौर जिले में बाढ़ का प्रकोप बरसात के पानी से कम बल्कि पहाड़ से आने वाले पानी से अधिक होता है। यदि ऊपर से पानी छोड़ने की सूचना पूर्व में ही प्राप्त हो जाए तो बिजनौर को सम्भावित बाढ़ से सुरक्षित रखा जा सकता है। ंउन्होंने अधिशासी अभियंता बाढ़ नियंत्रण को निर्देश दिए उत्तराखण्ड के अधिकारियों से सम्पर्क कर उनसे पानी छोड़े जाने की सूचना पूर्व में ही प्र्राप्त करलें ताकि जिले में अधिक पानी आने की स्थिति में समय रहते सभी आवश्यक उपाय सुनिश्चित किए जा सकें।

उन्होंने समस्त उप जिलाधिकारियों, तहसीलदारों व समस्त अधिशासी अधिकारी नगर पालिका को निर्देश दिये कि बाढ़ प्रभावित गांवों अथवा उनके निकट बाढ़ चौकी स्थापित करें और वहां पर जिम्मेदार एवं चुस्त कर्मचारियों को तैनात किया जाये। उन्होंने बाढ़ की स्थिति में जिले में नाव की व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा गोताखोरों के नाम व मोबाइल नम्बर की सूची बनाने के निर्देश समस्त उप जिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों को दिये ताकि बाढ़ के सम्भावित संकट से निपटने के लिए व्यवस्था सुनिश्चत की जा सके। उन्होंने नगर पालिका व नगर पंचायत को निर्देशित किया कि 15 दिन के अन्दर सभी नालों की सफाई कराना सुनिश्चित करें।

जिलाधिकारी श्री मिश्रा आज विदुर सभागार में बाढ़ से पूर्व तैयारी से सम्बन्धित बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे थे।

उन्होंने कहा कि बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा हैं, इस संकट से जिले के लोगों की जान व माल सुरक्षित रखने के लिए शासन एवं प्रशासन कटिबद्व है। उन्होने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं का सफलतापूर्वक सामना करने के लिए जरूरी है कि पूर्व में ही समुचित तैयारियां और व्यवस्थायें सुनिश्चित कर ली जायें ताकि किसी भी स्तर पर नुक़सान न होने पाये। उन्होने समस्त उप जिलाधिकारियों के निर्देश दिये कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का बारीकी से मुआयना कर लिया जाये और प्रभावित गांवों अथवा उनके निकट बाढ़ चौकियां स्थापित की जायें। इसके अलावा तहसील स्तर पर भी उप बाढ़ कन्ट्रोल रूम की स्थापना की जाये, ताकि तत्काल सहायता एवं व्यवस्था की जा सके।

उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये कि जिले में पशु की सुरक्षा की जिम्मेदारी पशुधन विभाग की है। अतः बाढ़ के दृष्टिगत पशुओं की सुरक्षा एवं उनके चारे की व्यवस्था के लिए कार्य योजना बनायें ताकि समय पर किसी भी प्रकार से चारे का संकट पैदा न होने पाये। उन्होने खाद्यान्न की समुचित व्यवस्था के लिए जिला पूर्ति अधिकारी एवं स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति के लिए अधिशासी अभियन्ता जलनिगम को नामित किया। उन्होंने जल निगम विभाग के अभियंता को यह भी निर्देश दिये कि जिन गांवो ंमें बाढ़ की हालत में पानी जमा हो जाता है, वहां ऊॅचे पलेटफार्म बनवाकर पूर्व में ही हैण्डपम्प लगवायें ताकि प्रभावित ग्रामवासियों को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति होती रहे।

जिलाधिकारी ने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाईयों का स्टॉक रखें और जिले में उपलब्ध शासकीय एवं निजी एम्बूलेंसों और उनके स्वामियों के माबाईल नम्बर, प्राईवेट नर्सिगं होम और उनमें उपलब्ध बेडों की सूची तैयार कर उपलब्ध करायें। उन्होंने समस्त उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि अपने अपने क्षेत्रों में बाढ ग्रस्त क्षेत्रो का मौके पर जाकर निरीक्षण करें तथा उक्त स्थितियों से सफलतापूर्वक निपटने के लिए आश्रय स्थलों का चिन्हिकरण कर लें और राहत व्यवस्था के लिए योजना बना लें। उन्होने यह भी कहा कि प्रभावित बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री बाटने के समय पुलिस एवं होमगार्डस की व्यवस्था निश्चित रूप से करें ताकि इस महत्वपूर्ण कार्य में कोई व्यवधान पैदा न होने पाये। उन्होने सिचाई एवं लोनिवि के अधिकारियों को निर्देशित किया कि समस्त बन्धों एवं सड़कों की मरम्मत का कार्य पूरा कर लिया जाये।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी पूर्ण बोरा, समस्त उपजिलाधिकारी एवं तहसीलदार, समस्त ई०ओ०, अधिशासी अभियन्ता जल निगम, अधिशासी अभियन्ता सिचाई विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।

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