संस्था की उन्नति में पुरातन छात्र की भूमिका महत्वपूर्ण – प्रो रेखा

 



आज दिनांक 31 मार्च 2023 को समाजशास्त्र विभाग में तृतीय पुरातन छात्र समागम का हुआ आयोजन जिसमें कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर आनंदमूर्ति मिश्रा, विशिष्ट अतिथि एलमुनि सेल के निदेशक प्रोफेसर नलिनी श्याम कामिल, अध्यक्षता प्रोफेसर ब्रजेश कुमार सिंह ने किया। अतिथियों का स्वागत प्रोफेसर रेखा विभागाध्यक्ष ने किया प्रोफेसर रेखा ने कहा कि शिक्षा में समय के साथ बदलाव की जरूरत है शिक्षा को रोजगारपरक और आत्मनिर्भर बनाने वाला होना चाहिए है। वर्तमान मे समाजशास्त्रियों के सामने यह चुनौती है कि वह अपने विषय को कैसे रोजगारपरक बनाए इसी प्रकार संस्था एवं विभाग की उन्नति में पुरातन छात्रों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। मुख्य अतिथि प्रोफेसर आनंद मूर्ती मिश्रा ने समाजशास्त्र विभाग की पृष्ठ भूमि पर प्रकाश डालते हुए विभाग के शिक्षकों के योगदान एवं विकास के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। प्रोफेसर सरिता सिंह ने कहा कि शिक्षक हमेशा विद्यार्थी होता है, समाजशास्त्र के अध्ययन के बिना किसी विषय की पढ़ाई पूरी नहीं होती है। प्रोफेसर अरविंद सिंह ने कहा कि कठोर मेहनत और विद्या अध्ययन के द्वारा भाग्य बदला जा सकता है, एलुमनी सेल के  निदेशक प्रोफेसर फेसर नलिनी श्याम कामिल ने कहा कि विश्वविद्यालय की NAAC रैंकिंग में एलुमनी एसोसिएशन तथा इसके सदस्यों के फीडबैक की अहम भूमिका होती है। किसी भी संस्थान में पुरातन छात्र एसोसिएशन अहम भूमिका निभाता है इस तृतीय एलुमनी समागम में पदाधिकारियों का चयन किया गया। और विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रेखा को एसोसिएशन का अध्यक्ष, प्रोफेसर सरिता सिंह और डॉक्टर संतोष सिंह को उपाध्यक्ष,डॉक्टर सूर्यनाथ को सचिव, डॉ विवेक कुमार यादव और डॉक्टर अर्चना सिंह को संयुक्त सचिव और डॉ मनीषा को कोषाध्यक्ष चुना गया। इस कार्यक्रम मे प्रोफेसर अमिता सिंह, प्रोफेसर भारती रस्तोगी, प्रोफेसर टी. बी. सिंह, डॉ राहुल गुप्ता, डॉ जयप्रकाश यादव, डॉ अशोक श्रीवास्तव, डॉ सुरेंद्र कुमार, डॉ मनीषा देवी, डॉ चंद्रशेखर, डॉ संजय कुमार, डॉ प्रवीण पायलट, डॉ मनोज गौतम, डॉ कृष्ण मोहन द्विवेदी, डॉ संजय पटेल, सतीश गौतम, नंदलाल, अरिहंत, अजय पाठक, श्री गोपाल  सहित राज्य से सैकड़ों पुरातन छात्र/छात्रा उपस्थिति रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर विनोद कुमार ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर आभा सक्सेना ने किया।

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