लोकशास्त्र, बौद्धिक विकास एवं संवाद भारतीय परंपरा का आदर्श- प्रोफेसर सदाशिव द्विवेदी।



आज महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के समाजशास्त्र विभाग में समावेशी विकास पर संगोष्ठी का सफल आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि प्रोफेसर सदाशिव द्विवेदी निदेशक (भारत अध्ययन केंद्र, काशी हिंदू विश्वविद्यालय ,वाराणसी) इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि प्रोफेसर सदाशिव द्विवेदी ने समावेशी विकास पर अपने विचार को व्यक्त करते हुए शारीरिक,मानसिक एवं बौद्धिक विकास को समाज के लिए आवश्यक बताया इसके साथ ही साथ  उन्होंने अनुशासन, उपदेश और मानवता की भी बात  की। प्रोफेसर रवि प्रकाश पांडे ने  5-6 बुलेट प्वाइंट को बताया जिसमें जिसमे G 20 एवं समावेशी विकास पर चर्चा करते हुए वैश्विक स्तर पर आर्थिक विकास को महत्वपूर्ण बताया और समावेशी विकास तभी होगा जब अधिकार के साथ  कर्तव्यबोध निहित  हो और गुड गवर्नेंस की बात कही । प्रोफ़ेसर रेखा  ने समावेशी विकास के महत्व पर प्रकाश  डाला और इसमें गरीबी बेरोजगारी, समानता,लिंगभेद की बात की । प्रोफ़ेसर बृजेश सिंह ने समावेशी विकास के लिए औद्योगिककरण से पर्यावरण पर पड़ने वाले नकारात्मक पक्षों को उजागर करते हुए पर्यावरण संरक्षण की बात की। कार्यक्रम का संचालन शोभा प्रजापति द्वारा किया गया, धन्यवाद ज्ञापन डॉ जयप्रकाश यादव ने किया। संगोष्ठी में कुलानुशासक प्रोफेसर अमिता सिंह, डॉ. सौम्या यादव ,डॉ. राहुल गुप्ता , डॉ सुरेंद्र, डॉ.संजय , डॉ.चंद्रशेखर,डॉ. मनीषा,सतीश गौतम,नंदलाल, रविदास,अरिहंत, राजनाथ पाल ,सतीश तिवारी और एम ए के  छात्र छात्राएं उपस्थित रहे । साथ ही कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में कमला यादव, प्रतिक्षा मिश्रा ,नीलम मौर्य ,ममता देवी, ज्योत्षना, मन्ना डी ने समावेशी विकास पर अपने अपने शोध पत्र पढ़े।



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