अलावड़ा। सरकारी विद्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नहीं होने के कारण विद्यालय की सफाई करते बच्चे।

 स्कूल में बच्चों से लगवाई जा रही झाड़ू,  विद्यालय इंचार्ज अध्यापिका बोली- चपरासी नहीं, ना ही हेड मास्टर।



अलावड़ा। एक तरफ सरकार शिक्षा विभाग को लेकर आये दिन बड़े-बड़े दावे करती है. शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार द्वारा करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए जाते है. जिससे क्षेत्र में निवास करने वाले गरीबों के बच्चे सरकारी विद्यालयों में ही पढ़कर निजी विद्यालयों की तरह शिक्षा ग्रहण कर सके. इसके लिए सरकार द्वारा मुफ्त किताबें,भोजन बच्चों को उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन क्षेत्र के ऐसे कई विद्यालय है, जहां शिक्षकों की मनमानी के चलते ऐसे नौनिहालों का भविष्य अंधकार में दिख रहा है।दरअसल मामला है रामगढ़ पंचायत समिति की ग्राम पंचायत चौमा अंतर्गत मानकी गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय का है। यहां के उच्च प्राथमिक विद्यालय में चतुर्थ श्रेणी के अभाव के कारण विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं से पहले विद्यालय की साफ सफाई और झाड़ू लगवाई जाती है।जहां शिक्षक विद्यालय समयानुसार आने की बजाए अपनी मनमर्जी से आते है और शिक्षकों की हनक ऐसी है कि शिक्षकों के आने के पूर्व बच्चे विद्यालय पहुंचकर झाड़ू लगाकर साफ सफाई करते है. जब ऐसे हालात होंगे। विद्यालयों के जहां बच्चे किताबों की बजाए झाड़ू लगाकर शिक्षा ग्रहण कर रहे है।मानकी गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय  में पढ़ाई के नाम पर बच्चों के साथ जमकर खिलवाड़ किया जा रहा है।विद्यालय में चतुर्थ श्रेणी के अभाव के कारण विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने के लिए विद्यालय आये बच्चों से साफ सफाई और झाड़ू लगवाई जाती हैं। उसके बाद प्रेयर कराई जाती है। इस बारे में विद्यालय की इंचार्ज अध्यापिका संगीता जैन से पूछा तो मीडिया को बताया कि विद्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नहीं होने के कारण बच्चों से अपने अपने कमरों की साफ सफाई कराई जाती है। और हम अध्यापक भी विद्यालय की सफाई करते हैं। विद्यालय में हेड मास्टर का पद 1 साल से रिक्त चलने के कारण बच्चों की पढ़ाई कराने में भी परेशानी उठानी पड़ती है। अध्यापकों के स्टाफ 10 है। और विद्यालय में 350 बच्चे अध्ययन करते हैं। 




वर्जन


इस बारे में सीबीओ विश्राम गोस्वामी का कहना है कि माणकी गांव से कई बार ग्रामीणों से शिकायत आ चुकी है। उसके बाद हमने  तीन चार बार प्राइमरी स्कूल की जांच करा कर दो तीन बार स्कूल के अध्यापकों पाबंदी कर दिया। फिर भी वही शिकायत मिलती है। यदि कोई साफ सफाई की ऐसी समस्या है तो  एसडीएमसी के सदस्य से मदद लेकर मेहतरानी लगाकर विद्यालय की सफाई करवा या तो खुद सफाई कर और पढ़ने वाले बच्चों से सफाई बिल्कुल नहीं कराएं।।


रिक्त पदों को काउंसलिंग आते ही अति शीघ्र पूरा भरवा दिया जाएगा।




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